हनुमान मंदिर पटना का इतिहास क्या है हिंदी में । ABOUT HANUMAN MANDIR PATNA in hindi

हनुमान मंदिर पटना का इतिहास HISTORY OF PATNA HANUMAN MANDIR 





महावीर मंदिर पटना देश में अग्रणी हनुमान मंदिरों में से एक है। जहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है । बताया जाता है कि सन 1730 में स्वामी बाल आनंद ने पटना जंक्शन के पास महावीर मंदिर की स्थापना की थी रामानंद संप्रदाय से जुड़े सन्यासी साल 1900 तक महावीर मंदिर के मुख्य कर्ताधर्ता थे फिर 1948 तक गुसाईं सन्यासी का महावीर मंदिर के कर्ताधर्ता थे। 


सन 1948 ईस्वी को पटना उच्च न्यायालय ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया इसका विनिर्माण सन 1983 ईस्वी से 1985 ईस्वी के बीच माननीय आचार्य किशोर कुणाल और उनके भक्तों के योगदान से किया गया था। मंदिर में श्री हनुमान जी के दो  प्रतिमाएं एक साथ है। यह मंदिर पटना रेलवे स्टेशन के निकट स्थित है।
 यह भारत के अग्रणी हनुमान मंदिर में से एक है इस मंदिर की ख्याति देश-विदेश में मनोकामना पूरी करने वाली मंदिर के रूप में है यहां भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं यह उत्तर भारत की सबसे प्रसिद्ध मंदिर भी माना जाता है


महावीर मंदिर का क्षेत्रफल करीब 10000 वर्ग फुट है मंदिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है मंदिर परिसर में प्रवेश करने के पश्चात बाई तरफ एक चतुर चबूतरे पर चिड़िया की श्रृंखला है जो गर्भगृह की ओर जाती है। मंदिर का सजावट भी बहुत ही खूबसूरत है जब रात के समय में मंदिर की सभी लाइट को ऑन किया जाता है तो काफी सुंदर और जगमगाता हुआ दिखता है।





मंदिर की पहली मंजिल पर देवताओं के चार मंदिर है इनमें से एक भगवान राम का मंदिर है। राम मंदिर के पास भगवान कृष्ण का चित्रण किया गया है। उसके बाद देवी दुर्गा का मंदिर है। इसके बाद भगवान शिव ध्यान करती मां पार्वती और नंदी पवित्र बैल की मूर्तियां हैं जो लकड़ी के कटघरे में रखी गई है। लकड़ी के कटघरे में शिव जी की ज्योतिष लिंग को स्थापित किया गया है इस मंदिर पर एक स्थाई रामसेतु भी मौजूद है इस सेतु को कांच में एक पात्र में रखा गया है जिसका वजन करीब 15 किलोग्राम है जिस तरह रामसेतु के पत्थर समुंदर की लहरों पर तैर रहे थे। उसी तरह राम सेतु का टुकड़ा भी यहां पानी में तैर रहा हूं।


मंदिर की दूसरी मंजिल का प्रयोग अनुष्ठान प्रयोजन के लिए किया जाता है इस मंदिर पर रामायण की विभिन्न दृश्यों का चित्र प्रदर्शित किया गया है।

वैसे तो इस मंदिर में रोज हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन राम नवमी के अवसर पर बड़ी भारी संख्या में भक्त जमा होते हैं। रामनवमी पर हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है इस अवसर पर महावीर मंदिर के द्वारा भगवान राम सीता और हनुमान जी की दर्शनीय शोभा यात्रा का भी आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं।

हर शनिवार और मंगलवार को इस मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ होती है क्योंकि हजारों श्रद्धालु यह दर्शन करने के लिए आते हैं।

महावीर मंदिर का प्रसाद नैवेद्यम जिसे तिरुपति और आंध्र प्रदेश के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है इस प्रसाद में बेसन चीनी काजू किसमिस हरी इलायची कश्मीरी केसर समेत अन्य सामग्री डालकर  पकाया जाता है । और गेंद के आकार में बनाया जाता है महावीर मंदिर का नोवेदम लड्डुओं का पर्याय है। जिसे हनुमानजी को अर्पित किया जाता है।


महावीर मंदिर का योगदान।


पटना का महावीर मंदिर से होने वाली आमदनी से कई धार्मिक कार्य का संचालन किया जाता है । मंदिर के सहयोग से पटना में कैंसर मरीज के लिए महावीर कैंसर संस्थान इसके अलावा महावीर वात्सल्य महावीर नेत्रालय महावीर आरोग्य संस्थान का भी संचालन किया जाता है जहां मामूली शुल्क के साथ मानव सेवा का कार्य किया जाता है।


हनुमान मंदिर खुलने का समय।


इस मंदिर का खुलने का समय सुबह 5:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक है।

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थैंक्यू। 

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